World’s first criminal caught through DNA sampling, In Hindi

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1980 के दशक के मध्य में इंग्लैंड के लिस्टरशायर में एक छोटे से गाँव में दो किशोरियों की निर्मम हत्या और बलात्कार की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। इस मामले ने न केवल स्थानीय निवासियों में भय का माहौल पैदा किया, बल्कि पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। यह मामला दुनिया का पहला ऐसा मामला बना जिसमें अपराधी को डीएनए सैंपलिंग की मदद से पकड़ा गया।

पहला अपराध: लिंडा मैन

नारबॉरो गाँव की सोलह वर्षीय लिंडा मैन 21 नवंबर 1983 को अपनी दोस्त के घर से लौट रही थी। उसे घर पहुंचने में देर हो गई थी, इसलिए वह जल्दी-जल्दी अपने घर की ओर बढ़ रही थी। लेकिन वह कभी अपने घर नहीं पहुंची। अगले दिन उसकी शव गाँव के एक सुनसान रास्ते के पास मिला। उसका बलात्कार किया गया था और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे गाँव को सदमे में डाल दिया था।

दूसरा अपराध: डॉन ऐशवर्थ

तीन साल बाद, 31 जुलाई 1986 को, नारबॉरो के पास एंडर्बी गाँव में, पंद्रह वर्षीय डॉन ऐशवर्थ का शव मिला। डॉन की भी उसी तरह से हत्या की गई थी जैसे लिंडा मैन की गई थी। पुलिस को यह समझने में देर नहीं लगी कि दोनों हत्याओं में समानताएं हैं और संभवतः एक ही व्यक्ति ने इन अपराधों को अंजाम दिया है।

डीएनए सैंपलिंग का प्रयोग

इन जघन्य अपराधों को सुलझाने में पुलिस के पास कोई ठोस सुराग नहीं था। उसी समय, लिस्टर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एलेक जेफ्रीज ने डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की तकनीक विकसित की थी। पुलिस ने प्रोफेसर जेफ्रीज से संपर्क किया और इस तकनीक का उपयोग करके अपराधी को पकड़ने का निर्णय लिया।

जांच प्रक्रिया

लिस्टरशायर पुलिस ने इलाके के सभी पुरुषों से डीएनए सैंपल देने की अपील की। लगभग 5000 पुरुषों ने अपनी सहमति दी और अपने डीएनए सैंपल दिए। पुलिस ने इन सैंपल्स की तुलना दोनों पीड़िताओं से मिले डीएनए सैंपल से की। यह प्रक्रिया बहुत ही विस्तृत और समय लेने वाली थी, लेकिन पुलिस ने धैर्य नहीं खोया।

अपराधी का पकड़ा जाना

जांच के दौरान, एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति की पहचान के तहत डीएनए सैंपल दिया। इस धोखाधड़ी की खबर पुलिस तक पहुंची और उन्होंने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। उस व्यक्ति का नाम कोलिन पिचफोर्क था। जब पुलिस ने उसके डीएनए सैंपल की तुलना की, तो वह दोनों अपराध स्थलों से मिले डीएनए से मेल खा गया। अंततः, कोलिन पिचफोर्क को गिरफ्तार कर लिया गया और उसने अपने अपराध कबूल कर लिए।

निष्कर्ष

यह मामला इतिहास में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहला मामला था जिसमें डीएनए सैंपलिंग का प्रयोग करके अपराधी को पकड़ा गया था। इस तकनीक ने न्याय प्रणाली में एक नया आयाम जोड़ा और इसके बाद से कई अपराधों को सुलझाने में मदद मिली। लिंडा मैन और डॉन ऐशवर्थ की हत्याओं ने हमें यह सिखाया कि विज्ञान और तकनीक की मदद से हम अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचा सकते हैं और न्याय की स्थापना कर सकते हैं।

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