प्रारंभ:
अधीर और अद्वितीय जंगल के प्रशांत सांगत जल की सतह पर, वे अपने समय के साथ बिताने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। जीवन के नियमों के बारे में निश्चित संकेत थे, और यह सुनने में आ रहा था कि वे केवल अस्तित्व और समाप्तियों के लिए हैं क्योंकि यह सुनने में आ रहा था कि असंभव आवाजों के माध्यम से जो कुछ भी हो सकता है।
जंगल की ओर यात्रा:
शिव, मृदुल, रिया, और अर्जुन, चार दोस्तों का एक समूह, अपने सप्ताहांत की छुट्टी के लिए जंगल की ओर निकला। गर्मी की छुट्टियों में एक-दूसरे के साथ समय बिताने के लिए यह उनका प्रिय स्थान था। उनकी कार जंगल की ओर बढ़ रही थी, और रास्ते में हर एक पेड़ और झाड़ी अपने रंग और स्वर में अद्वितीय थी।
“क्या तुमने सुना?” शिव ने अचानक पूछा, जब वे जंगल के भीतर की ओर बढ़ रहे थे।
“क्या?” मृदुल ने प्रश्न किया, अपनी आंखें जंगल की अंधेरे में डुबोते हुए।
“वह आवाज, जैसे कोई धीमी-धीमी बातें कर रहा हो।” शिव ने उत्तर दिया।
“शायद यह सिर्फ हवा है,” रिया ने कहा, लेकिन उसके चेहरे पर एक संदेह की झलक थी।
पहली रात:
जंगल की गहराई में पहुंचते ही उन्होंने अपना कैंप तैयार किया। आग जलती रही, और हंसी-मजाक की आवाजें हवाओं में मिल रही थीं। लेकिन जैसे-जैसे रात गहराती गई, वैसे-वैसे जंगल की आवाजें भी बदलने लगीं। पेड़ों की पत्तियां हल्की-हल्की सरसराहट करने लगीं, और वे आवाजें कुछ और स्पष्ट होती जा रही थीं।
“तुम लोग भी सुन रहे हो न?” अर्जुन ने एक बार फिर पूछा, जब एक और रहस्यमय आवाज ने उनकी बातचीत में विघ्न डाला।
“हाँ, लेकिन यह सिर्फ हवा है, अर्जुन,” मृदुल ने आश्वासन दिया, लेकिन उसकी आवाज में भी एक डर की झलक थी।
तभी रिया ने देखा कि झील की तरफ कुछ अजीब सा दिखाई दे रहा था। “देखो, झील में कुछ है।” उसने चिल्लाते हुए कहा।
झील का रहस्य:
वे सभी झील की ओर भागे। झील की सतह पर अजीब सी चमक थी, जैसे कोई रहस्यमयी प्रकाश उसमें से झांक रहा हो। वे पास पहुंचे और देख सकते थे कि पानी की सतह पर कुछ हिल रहा था, जैसे कोई जीव पानी के अंदर से ऊपर आना चाह रहा हो।
“यह बहुत डरावना है,” शिव ने कहा, उसकी आवाज कांप रही थी। “क्या तुमने कभी कुछ ऐसा देखा है?”
“यह कुछ और है,” रिया ने कहा, उसकी आवाज में सिहरन थी। “जैसे कोई हमें देख रहा हो, पर हम उसे देख नहीं पा रहे हैं।”
पहचान की खोज:
जैसे ही वे झील के पास पहुंचते, पेड़ों की आवाजें तेज होती गईं। अचानक, एक तेज़, अजीब सी आवाज ने सबको चौंका दिया। जैसे कोई कह रहा हो, “हमें मत छोड़ो।”
“यह क्या था?” अर्जुन ने डरते हुए पूछा।
“हमको यहाँ से निकलना होगा,” मृदुल ने कहा, लेकिन उसकी आवाज में भी घबराहट थी।
जंगल की गहराई:
वे वापस अपने कैंप की ओर लौटने लगे, लेकिन रास्ता अब उन्हें डराने लगा था। पेड़ों की छायाएं और अजीब आवाजें उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश कर रही थीं। जैसे-जैसे वे गहराई में जाते गए, अंधेरा और घना होता गया।
“यहाँ कुछ गड़बड़ है,” शिव ने कहा, उसकी आवाज में डर और घबराहट साफ दिखाई दे रही थी।
“कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि हम यहाँ क्या करने आए थे,” अर्जुन ने भी कहा।
तभी रिया ने देखा कि पेड़ों के बीच एक पत्थर का खंड खड़ा है, जिस पर कुछ लिखा हुआ था। “यहाँ कुछ लिखा है,” उसने कहा और पेड़ के पास जाकर पढ़ने लगी।
“यहाँ लिखा है, ‘जो यहाँ आएगा, उसे आवाजों का सामना करना होगा, और जो भी इसके गहरे में चला जाएगा, उसे इस जंगल के राज का पता लगेगा।'”
“क्या मतलब है इसका?” शिव ने पूछा।
“शायद यह एक चेतावनी है,” मृदुल ने कहा।
जंगल का डरावना सच:
अचानक, उनके पास एक अजीब सा खौफनाक एहसास हुआ। जैसे जंगल खुद ही उनकी ओर बढ़ रहा हो, पेड़ों की शाखाएं उनकी ओर झुक रही थीं।
“यहाँ कुछ है,” रिया ने चिल्लाते हुए कहा, “हमारे पास आने वाले कुछ हैं।”
वहां अचानक एक धुंधली आकृति ने उनके चारों ओर घेरा डाल दिया। पेड़ों की आवाजें अब और तेज हो गई थीं, जैसे वे कुछ कह रहे हों, कुछ चीख रहे हों। “वह देखो!” अर्जुन ने चिल्लाया, जब उसने एक झिलमिलाता प्रकाश देखा, जो झील के अंदर से आ रहा था।
“यहाँ कुछ और है, यहाँ कुछ और है,” मृदुल ने कहा, लेकिन उसकी आवाज में अब कोई आत्मविश्वास नहीं था।
अंतिम सच:
तभी अचानक, जंगल की गहराई से एक हल्की सी आवाज आई, “जो भी यहाँ आएगा, उसे यहाँ के राज़ का सामना करना होगा।”
“हम यहाँ से निकलना चाहते हैं,” शिव ने कहा, लेकिन वह सिर्फ आवाज की तरह ही रह गई।
“यहाँ से निकलना ही सबसे सही होगा,” रिया ने कहा, और वे सब एक साथ झील की ओर भागे। जैसे ही वे झील के किनारे पहुंचे, झील की सतह पर एक अजीब से दृश्य ने सबको हिला दिया। वहाँ एक बड़ा सा, गहरा क्रेटर था, और झील की सतह पर एक छाया सी घूम रही थी।
“यह वह जगह है,” अर्जुन ने कहा, “जहाँ हमें वह सब कुछ देखना होगा, जो हमने कभी नहीं सोचा था।”
“यह एक भूल भुलैया है, जो हमें हमारे सबसे गहरे डर से मिलवाने के लिए बनाई गई है,” मृदुल ने कहा, और सबको विश्वास हो गया कि वे अब सिर्फ इस जंगल की गहराई में खो नहीं सकते।
अंतिम भाग:
जब वे झील के किनारे खड़े थे, एक अनजान सी शक्ति ने उन्हें अपने भीतर खींच लिया। पेड़ों की आवाजें अब और तेज हो गई थीं, और सबकुछ जैसे एक अंधेरे में समा रहा था।
“क्या यह हमारी किस्मत है?” रिया ने पूछा, और उसके साथ ही एक अजीब सा प्रकाश उनके चारों ओर चमका।
“यह सिर्फ शुरुआत है,” अर्जुन ने कहा, जब उन्होंने देखा कि झील की सतह पर एक और प्रकाश फैलने लगा था।
तभी पेड़ों की आवाजें एक नई दिशा में बदल गईं, और जैसे ही वे झील के पास पहुंचे, पेड़ों की शाखाएं उनकी ओर बढ़ने लगीं।
“यहाँ कुछ और है, हम यहाँ नहीं रह सकते,” शिव ने कहा, और वे सभी एक साथ झील की ओर दौड़ पड़े।
जैसे ही वे झील के किनारे पहुंचे, एक रहस्यमयी शक्ति ने उन्हें अपने भीतर खींच लिया, और वे जंगल की गहराई में खो गए।
समाप्त:
जंगल की गहराई में उनका नाम अब सिर्फ एक रहस्य था, और झील की सतह पर अब भी एक अजीब सा प्रकाश चमकता रहा। पेड़ों की आवाजें अब और भी रहस्यमय हो गई थीं, और यह सब उस रहस्यमय जंगल का हिस्सा बन गया था, जिसे अब तक कोई भी नहीं समझ पाया था।
यह कहानी एक रहस्यमय मोड़ पर समाप्त होती है, जो यह संकेत देती है कि जंगल के राज़ अभी भी अनसुलझे हैं, और उसके भीतर क्या छिपा है, यह केवल समय ही बता सकेगा।
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