भूतिया हवेली का श्राप: राजस्थान की हत्याओं की कहानी

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भूतिया हवेली का श्राप

राजस्थान के एक छोटे से गाँव में एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग भूतिया कहते थे। यह हवेली गाँव के बाहरी इलाके में स्थित थी और कई वर्षों से खंडहर बन चुकी थी। इस हवेली के बारे में कई तरह की डरावनी कहानियाँ सुनाई जाती थीं। स्थानीय लोगों का मानना था कि इस हवेली पर एक श्राप था, जो अतीत में हुई एक निर्दयी हत्या का परिणाम था। लोग इस हवेली के पास जाने से डरते थे और वहाँ रात बिताने की हिम्मत कोई नहीं करता था।

पहली हत्या

1980 के दशक की बात है, जब गाँव के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति, ठाकुर विजय सिंह, की बेरहमी से हत्या कर दी गई। ठाकुर साहब अपने साहस और दानशीलता के लिए जाने जाते थे। उनकी लाश हवेली के पास मिली थी। उसकी हत्या के पीछे कोई सुराग नहीं था, सिर्फ उसके शरीर पर अजीबो-गरीब निशान थे। इस घटना ने पूरे गाँव को हिला कर रख दिया था। पुलिस ने हत्या की जांच शुरू की, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला। ठाकुर विजय सिंह की हत्या का रहस्य गहरा गया और लोग इसे हवेली के श्राप से जोड़ने लगे।

हत्याओं का दौर

अगले कुछ महीनों में, और भी हत्याएं हुईं। सभी हत्याएं हवेली के पास हुईं और सभी के शरीर पर वही अजीब निशान थे। गाँव में डर और दहशत का माहौल बन गया। लोग मानने लगे कि हवेली का श्राप फिर से जाग गया है और वह निर्दोष लोगों की जान ले रहा है। हर बार जब कोई हत्या होती, तो लोग हवेली की ओर देखते और उसके अंधेरे और खंडहर बने कमरों में छुपे भूतों की कहानियाँ सुनाने लगते।

पुलिस की कोशिशें

पुलिस ने हत्याओं की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कई संदिग्धों से पूछताछ की और गाँव के हर कोने को खंगाला, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला। यहाँ तक कि पुलिस के खोजी कुत्ते भी हवेली के पास जाकर भौंकने लगते थे और अजीब तरह से व्यवहार करते थे। पुलिस के लिए यह मामला एक पहेली बन गया था।

रहस्यमयी संकेत

इस बीच, गाँव के कुछ लोग जो हवेली के आसपास रहते थे, उन्होंने बताया कि रात के समय हवेली से अजीबो-गरीब आवाजें आती थीं। कभी किसी के चीखने की आवाज, कभी किसी के रोने की। हवेली के अंदर से आने वाली इन आवाजों ने लोगों को और भी भयभीत कर दिया था। कुछ लोगों ने यहाँ तक दावा किया कि उन्होंने हवेली के अंदर भूतों को चलते-फिरते देखा है।

एक रहस्यमयी पत्र

एक दिन, गाँव के मुखिया के पास एक अज्ञात व्यक्ति का पत्र आया। उसमें लिखा था कि वह हवेली के रहस्य को जानता है और अगर पुलिस उसे पकड़ लेती है तो सभी हत्याओं का सच सामने आ जाएगा। पत्र में उस व्यक्ति का नाम नहीं था, लेकिन उसने हवेली के अंदर कुछ सुराग छोड़े जाने की बात कही थी। पुलिस ने हवेली की अच्छी तरह से तलाशी ली और वहाँ एक पुराना बॉक्स मिला। उस बॉक्स में ठाकुर विजय सिंह की हत्या से जुड़े कुछ कागजात और फोटो मिले।

सच्चाई का पर्दाफाश

इन कागजातों और फोटो के माध्यम से पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग मिला। उन कागजातों में हवेली के पूर्व मालिक, राजा हरिसिंह की कहानी थी, जिन्होंने अपनी संपत्ति के लिए अपने छोटे भाई की हत्या की थी। राजा हरिसिंह की आत्मा को इस कृत्य के लिए श्रापित किया गया था और वह हवेली में कैद हो गई थी। यह भी पता चला कि हवेली में जो हत्याएं हो रही थीं, वे राजा हरिसिंह की आत्मा का बदला लेने का तरीका थीं।

निष्कर्ष

पुलिस ने इन सुरागों के आधार पर हत्याओं की गहराई से जांच की और अंततः गाँव के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो राजा हरिसिंह का दूर का रिश्तेदार था और हवेली की संपत्ति पर कब्जा करना चाहता था। उसने अपने लाभ के लिए इन हत्याओं को अंजाम दिया था और गाँव वालों को डराने के लिए भूत-प्रेत की कहानियाँ फैलाई थीं। इस घटना के बाद गाँव में शांति लौटी, लेकिन हवेली की डरावनी कहानियाँ आज भी लोगों के दिलों में जिन्दा हैं। हवेली का श्राप समाप्त हो गया, लेकिन उस स्थान की भयानक यादें और कहानियाँ लोगों के मन में हमेशा के लिए रह गईं।

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